Apr 1, 2020
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के इलाज को लेकर कई तरह की दवाइयों के बात की जा रही है। कभी दावा किया जाता है कि एचआईवी की दवाएं कोरोना मरीजों को स्वस्थ करने में कारगर हैं तो कभी कहा जाता है कि विटामिन सी के हाई डोज से पीड़ित 7/8 दिन में ठीक हो जा रहे हैं। हालाँकि इस बारे में भारतीय केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइड लाइन जारी की है। जिसके मुताबिक़, कोरोना मरीजों को मलेरियारोधी दवाएं देने को कहा गया है। इतना ही नहीं मंत्रालय ने इसके पहले कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रही एंटी एचआईवी दवाओं के उपयोग पर भी रोक लगा दी। मंत्रालय ने कहा कि पहले एंटी एचआईवी दवाओं के कॉम्बिनेशन लोपिनाविर और रिटोनाविर को इससे पहले सुझाया गया था, जिन्हें अब हटा लिया गया है। इन्हें इलाज में उपयुक्त नहीं पाया गया।
12 साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं के लिए नहीं
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन में कहा गया कि संक्रमित इलाज के दौरान आईसीयू में पहुंचे, तो उन्हें मलेरियारोधी दवा ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को एजीथ्रोमाइसिन’ दी जाएँ। अपडेट गाइडलाइन में कहा कि यह दवा 12 साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं के लिए नहीं है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि फिलहाल अभी कोरोना के इलाज के लिए कोई पक्की और उपयुक्त दवा नहीं बनी है, हालाँकि कुछ दवाएं हैं जो संक्रामितों पर असरदार हैं।
विटामिन सी की दवाओं से कोरोना मरीजों को ठीक करने का दावा
गौरतबल है कि इसके पहले एंटी एचआईवी की दवाओं के अलावा अमेरिका में हुए एक शोध के आधार पर कहा गया था कि विटामिन सी का हाई डोज भी कोरोना मरीजों पर असरदार है। अमेरिका ने एक प्रयोग किया है। अमरीका के डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस से पीड़ित कुछ मरीजों को विटामिन सी की भारी मात्रा में खुराक दी। हैरान करने वाली बात ये हैं कि इसके परिणाम भी सकारात्मक आये।