Feb 18, 2020
मध्यप्रदेश के वर्तमान सीएम कमलनाथ ने स्पष्ट किया है कि मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं किया जाएगा। एनपीआर की जिस अधिसूचना की बात की जा रही है, वह नौ दिसंबर 2019 की है। इससे पहले भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने प्रेस कांफ्रेंस कर धमकी दी थी कि यदि प्रदेश में एनपीआर लागू होगा तो फिर ऐसी पार्टी में रहने का क्या फायदा।
मसूद के बयान के बाद मुख्यमंत्री का बयान
इस मामले को लेकर मसूद के बयान के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिसूचना के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जारी किया है अर्थात जो एनपीआर अधिसूचित किया गया है, वह नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं किया गया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 की नियमावली 2003 के नियम तीन के तहत जारी किया गया है।
विधायक मसूद ने दी धमकी
बता दें कि, विधायक मसूद ने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री का रख सकारात्मक नहीं रहा तो ऐसी पार्टी में रहने का क्या मतलब है? उन्होंने प्रदेश सरकार से इस राजपत्र को तत्काल खारिज करने की मांग की। मसूद ने कहा कि प्रदेश में एनपीआर का राजपत्र गलत तरीके से जारी कर दिया गया है। सरकार ने सही तरीके से अपने प्रदेश की जनता की जिम्मेदारी को नहीं समझा। एनपीआर एनआरसी का ही एक छोटा हिस्सा है। उधर, प्रदेश के विधि मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश ने एनपीआर न तो लागू किया है और न लागू किया जाएगा जो राजपत्र बताया जा रहा है वो 9 दिसंबर का है। प्रदेश कांग्रेस ने भी बयान जारी कर एनपीआर लागू नहीं करने की बात कही है।