Oct 30, 2025
देवउठनी एकादशी 2025: त्रिस्पर्शा योग में विष्णु जागरण और तुलसी विवाह का महासंयोग
2 नवंबर 2025 को पड़ने वाली देवउठनी एकादशी इस वर्ष विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस दिन दुर्लभ त्रिस्पर्शा योग बन रहा है। यह योग एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथियों के संयोग से बनता है, जो वर्षों बाद देखने को मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा से जागते हैं, जिससे पृथ्वी पर शुभता और समृद्धि का संचार होता है। तुलसी विवाह, दीपदान, व्रत-पूजन और दान-पुण्य जैसे कार्य इस दिन अत्यंत फलदायी माने गए हैं।
त्रिस्पर्शा योग का महत्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, त्रिस्पर्शा योग में तीन तिथियों का मिलन देवताओं की ऊर्जा को तिगुना प्रभावी बनाता है। इस दिन किए गए मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश और धार्मिक अनुष्ठान कई गुना फल देते हैं। धर्मशास्त्रों में कहा गया है, “त्रिस्पर्शा योगे कृतं कर्म, दशगुणं फलप्रदं भवेत।”
तुलसी विवाह और विष्णु पूजन
देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का आयोजन विशेष शुभ माना जाता है। सूर्योदय से पूर्व स्नान कर, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करते हुए तुलसी को जल अर्पित करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं। इस दिन दीपदान और कथा श्रवण से भी पुण्य प्राप्त होता है।








