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WORLD RADIO DAY: जानें रेडियो का इतिहास और महत्व |

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Feb 13, 2024

WORLD RADIO DAY: आज विश्व रेडियो दिवस है, हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है। रेडियो को मीडिया के सबसे तेज माध्यमों में से एक माना जाता है। यदि कोई खबर या Emergency हो तो रेडियो एक ऐसा माध्यम है जिससे लोगों को तेजी से जानकारी पहुंचाई जा सकती है। विश्व युद्ध से लेकर दुनिया की एकता को बनाए रखने में रेडियो का एहम योगदान रहा है। इस योगदान और महत्वता को देखते हुए विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है। पहली बार 2012 में  विश्व रेडियो दिवस को मनाने की शुरूआत की गई थी। तभी से लगातार 13 फरवरी के दिन इसे मनाया जाता है। रेडियो एक ऐसा जनसंचार का साधन है जिसके जरिए लोगों को संचार और मनोरंजन के कार्यक्रम पहुंच रहे हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए रेडियो का खासा महत्व है। ग्रामीण इलाकों में रेडियो ही Communication का प्रमुख माध्यम है। साल 2011 में UNESCO ने अपने 36 वे सम्मेलन में विश्व रेडियो दिवस को मनाने की घोषणा की थी। विश्व रेडियो दिवस का उद्देश्य जनता और मीडिया में रेडियो के महत्व के बारे में अधिस से अधिक जागरुक्ता फैलाना है।   

साल 1680 में वैज्ञानिकों ने रेडियो waves के बारे में  विस्तार से सोचा और अंदाजा लगाया कि इस तरह की waves भी होती हैं जिनका इस्तेमाल संचार के लिए किया जा सकता है फिर सन 1866 में कुछ प्रयोगों के जरिये ये समझा गया कि Electric current variation को स्पेस में  उसी तरह छोड़ दिया जाता है  जिस तहर लाइट और हीट को फिर इसको बाद कई Scientists और Engineers ने किसी ऐसे signal की खोज शुरू की जिससे संदेश भेजा जा सके

1.         करीब 1880 के दशक में Henry Rudolf Hertz ने Electro magnetic तरंगो की खोज की जिसके बाद रेडियो के आविशकार में और मदद मिली. अपनी Electro magnetic तरंगो की खोज के बाद Hertz ने भी रेडियो के आविश्कार में अपना योगदान दिया पर सफलता मिलने से पहले ही उनकी म्रत्यु हो गई

2.         रेडयो के आविष्कार के लिए कोशिशें तो बहुत से लोगों ने की लेकिन आधिकारिक तौर पर  रेडियो का आविष्कारक Guglielmo Marconi को माना जाता है। इस अविष्कार के लिए उन्हें 1909 में भौतिगी का नोबेल पुरस्कार भी दिया गया। बता दें कि Marconi द्वारा बनाए गए रेडियो से केवल एक ही व्यक्ति को संदेश भेजा जा सकता था।

CANADIAN SCIENTIST REGINALD FESSENDEN ने भी कई दशकों तक रेडियो के आविष्कार पर काम किया  था, जिसमें उन्हे सफलता भी मिली। 24 दिसंबर 1906 की शाम इस कनेडियन वैज्ञानिक ने जब अपना VIOLIN बजया तब अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो आपरेटरसे ने उस संगीत को अपने रेडियो पर सुना। वो दुनिया में रेडियो प्रसारण की पहली पहल थी। एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने की शुरूआत 1906 में FESSENDEN ने ही की थी।  साल 1923 में दुनिया में रेडियो पर विज्ञापन की शुरुआत हुई

भारत में रेडियो का इतिहास

भारत में साल 1924 में सबसे पहसे मदरास प्रेसीडेंसी कल्व लेकर आया था। इस कल्व ने 1927 तक रेडियो ब्रोडकास्टिंग पर प्रसारण का काम किया। हालांकि आर्थिक परेशानियों के चलते मदरास कल्ब द्वारा इसे बंद कर दिया गया। जिसके बाद इसे साल 1927 में बाम्बे के कुछ बड़े BUSINESSMAN ने भारतीय प्रसारण कंपनी को बाम्बे और कलकत्ता में शुरू किया। इसके बाद साल 1932 में भारत सरकार ने इसकी जिम्मेदारी खुद ले ली और INDIAN BROADCASTING SERVICE नाम का विभाग शुरू किया। जिसका साल 1936 में नाम बदलकर ALL INDIA रेडियो रखा गाया। जो की बाद में आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा। रेडियो ने भारत की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। आपको बता दें कि साल 1942 में NATIONAL CONGRESS रेडियो का प्रसारण जब शरू किया गया था तब स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी  ने इसी रेडियो स्टेशन से अंग्रेजों भारत छोड़ो का प्रसारण किया था।

ARTICLE BY: ASHI SHARMA