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छत्तीसगढ़ का धान महोत्सव: किसानों के लिए 3100 का 'गोल्डन रेट', 14 नवंबर से खरीदी का धमाका!

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Oct 9, 2025

छत्तीसगढ़ का धान महोत्सव: किसानों के लिए 3100 का 'गोल्डन रेट', 14 नवंबर से खरीदी का धमाका!

 छत्तीसगढ़ के हरे-भरे खेतों में किसान चावल के दानों को सोने की तरह सहेज रहे हैं, क्योंकि सरकार ने धान खरीदी का 'मेगा प्लान' अनाउंस कर दिया है! 14 नवंबर 2024 से शुरू हो रही यह खरीदी न सिर्फ बंपर उत्पादन का जश्न है, बल्कि किसानों की जेब में 3100 रुपये प्रति क्विंटल की चमक लाएगी। सीएम विष्णुदेव साय की अगुवाई में 'धान तिहार' का धमाल आज (9 अक्टूबर) से शुरू—एक ऐसा उत्सव जहां रजिस्ट्रेशन से लेकर टोकन सिस्टम तक हर टिप्स मिलेंगे। 160 लाख मीट्रिक टन का रिकॉर्ड टारगेट, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर—यह सब मिलकर किसानों को 'रिस्क-फ्री' बिजनेस का तोहफा देगा। अच्छी मानसून ने धान की फसल को 'सुपरक्रॉप' बना दिया, अब क्या यह खरीदी छत्तीसगढ़ को 'धान का राजा' बनाने का टर्निंग पॉइंट बनेगी? आइए, इस किसानी क्रांति की मस्ती भरी कहानी में गोता लगाएं!

खरीदी का ग्रैंड स्टार्ट: 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का सफर

यह कोई साधारण खरीदी नहीं, बल्कि एक 'एपिक जर्नी' है जो 14 नवंबर को धूमधाम से शुरू होगी और 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में अप्रूव किया—कैश और लिंकेज बेसिस पर धान खरीदेंगे, ताकि किसान तुरंत पैसे पकड़ सकें। राज्य के 2739 प्रोक्योरमेंट सेंटर्स पर इलेक्ट्रॉनिक वेटिंग मशीनें, बायोमेट्रिक सिस्टम और हेल्पलाइन नंबर—सब कुछ 'हाई-टेक'। छोटे किसानों को मैक्सिमम 2 टोकन, बड़े को 3—यह सिस्टम भीड़भाड़ रोककर 'स्मूथ फ्लो' सुनिश्चित करेगा। सीएम साय ने कहा, "हमारा लक्ष्य रिकॉर्ड बनाना है, क्योंकि छत्तीसगढ़ धान का 'राइस बाउल' है!" पिछले साल 14.5 मिलियन टन खरीदा, इस बार 16 मिलियन का चैलेंज—अगर मानसून का कमाल चला, तो किसान 'जश्न मोड' में आ जाएंगे। लेकिन देरी न हो, इसके लिए कंट्रोल रूम 24/7 अलर्ट!

समर्थन मूल्य का जादू: 3100 रुपये का 'गेम चेंजर' फायदा

अब असली मसाला—समर्थन मूल्य! छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य जहां MSP से 800 रुपये ज्यादा मिलते हैं। सेंट्रल MSP 2323 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन यहां 3100 रुपये—यानी हर क्विंटल पर 777 रुपये का 'बोनस'! ग्रेड A धान पर 3120 तक। यह 'स्टेट बोनस' किसानों की कमर सीधी कर देगा, खासकर उन छोटे-मझोले जो मौसम की मार झेलते हैं। डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया, "यह पॉलिसी किसानों को 'फाइनेंशियल सिक्योरिटी' देगी, ताकि वे अगली फसल पर फोकस करें।" अनुमानित उत्पादन? 34.52 लाख हेक्टेयर में बुआई, 1 लाख हेक्टेयर ज्यादा—मानसून ने 'बंपर हार्वेस्ट' का वादा किया। प्रति एकड़ 21 क्विंटल का टारगेट रखा, तो एक किसान की जेब में औसतन 65,000 रुपये—यह तो 'ड्रीम इंकम' है! MARKFED नोडल एजेंसी बनेगी, DBT से पेमेंट—कोई घूसखोरी का सवाल ही नहीं।

रजिस्ट्रेशन का ड्रामा: 31 अक्टूबर तक 'रन फॉर टोकन्स'

कहानी में ट्विस्ट—बिना रजिस्ट्रेशन के कोई एंट्री नहीं! एग्रीस्टेक पोर्टल पर आज से प्रोसेस शुरू, लास्ट डेट 31 अक्टूबर। अभी 11.47 लाख किसान रजिस्टर्ड, लेकिन टोटल 27 लाख का टारगेट—बाकी को 'स्पीड अप' करो! ऑनलाइन टोकन सिस्टम से बुकिंग, फिर सेंटर पर बायोमेट्रिक चेक—यह 'डिजिटल गेटकीपर' फर्जीवाड़ा रोकेगा। 'धान तिहार' का कमाल आज से—राज्यव्यापी प्रोग्राम जहां लोकल लेवल पर वर्कशॉप्स, डेमो और क्विज—किसान 'एक्सपर्ट' बन जाएंगे। फूड मिनिस्टर दयाल दास बघेल बोले, "हर गांव में अवेयरनेस कैंप, ताकि कोई किसान पीछे न छूटे।" अगर रजिस्ट्रेशन मिस हो गया, तो? हेल्पलाइन 1967 पर कॉल—सरकार 'हैंड-होल्डिंग' मोड में। यह फेज न सिर्फ प्रिपरेशन है, बल्कि किसानों का 'एम्पावरमेंट' फेस्टिवल!

किसानों का सुनहरा भविष्य: रोजगार से लेकर सस्टेनेबिलिटी तक

यह खरीदी सिर्फ पैसे की नहीं, बल्कि 'ट्रांसफॉर्मेशन' की कहानी है। 160 लाख टन खरीद से मिलिंग इंडस्ट्री बूम, हजारों जॉब्स क्रिएट—छत्तीसगढ़ 'राइस हब' बनेगा। अच्छी बारिश ने उत्पादन बढ़ाया, लेकिन सस्टेनेबल फार्मिंग पर फोकस—सीड क्वालिटी, वॉटर मैनेजमेंट के टिप्स 'धान तिहार' में। विपक्ष कहे 'पॉलिटिकल स्टंट', लेकिन फैक्ट्स साफ—पिछले रिकॉर्ड तोड़ने का कॉन्फिडेंस। किसान भाइयों, रजिस्टर करो, टोकन लो और 14 नवंबर को 'हैप्पी सेलिंग'! अगर टारगेट अचीव, तो 2025 में और बोनस—क्या यह 'धान रेवोल्यूशन' का बिगिनिंग है? छत्तीसगढ़ के खेत अब 'गोल्ड माइन्स' हैं, और सरकार उनका 'गार्जियन'! जय जोहार, किसानो!

Report By:
Monika