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भोपाल में नाइटलाइफ का बेलगाम रंग: ड्रग्स स्कैंडल के बाद भी पब में उड़ते नोट और नशे की महफिल

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Aug 11, 2025

भोपाल में नाइटलाइफ का बेलगाम रंग: ड्रग्स स्कैंडल के बाद भी पब में उड़ते नोट और नशे की महफिल

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हाल के दिनों में ड्रग्स और अन्य गंभीर अपराधों के कई मामले सामने आए हैं, जिन्होंने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ड्रग्स कांड और लव जिहाद जैसे विवादास्पद घटनाओं के बावजूद, युवाओं का नाइट कल्चर थमने का नाम नहीं ले रहा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने इस हकीकत को उजागर किया है, जहां एक लोकप्रिय पब में युवा शराब के नशे में धन उड़ा रहे हैं और जमीन पर पड़े नोटों पर नाच रहे हैं। इस वीडियो ने पुलिस की सतर्कता और युवाओं की जागरूकता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों से शहर की छवि प्रभावित हो रही है, और प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। वीडियो में दिख रही अय्याशी की तस्वीरें समाज में बढ़ते नशे के प्रभाव को दर्शाती हैं, जो युवा पीढ़ी को गलत दिशा में ले जा रही है।

 वीडियो का विवरण और घटना की पृष्ठभूमि

दरअसल, यह वीडियो भोपाल के एक प्रमुख पब से जुड़ा है, जहां बड़ी संख्या में युवक और युवतियां देर रात तक पार्टी कर रहे थे। वीडियो में साफ दिख रहा है कि शराब के नशे में चूर युवा २०० और ५०० रुपए के नोट हवा में उड़ा रहे हैं। जैसे ही नोट जमीन पर गिरते हैं, वे उन पर पैर रखकर डांस करने लगते हैं। यह दृश्य न केवल धन की बर्बादी को दर्शाता है, बल्कि नशे की लत में फंसे युवाओं की मानसिकता को भी उजागर करता है। पृष्ठभूमि में तेज संगीत और रंग-बिरंगी लाइट्स की चमक इस माहौल को और भी आकर्षक बना रही है, लेकिन इसके पीछे छिपी सच्चाई चिंताजनक है। हाल के ड्रग्स कांडों के बाद भी ऐसे आयोजन जारी रहना पुलिस की नाकामी को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे क्लबों में अक्सर नशीले पदार्थों का सेवन होता है, जो युवाओं को अपराध की ओर धकेलता है।

 पुलिस की भूमिका और सवालों का घेरा

इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं। ड्रग्स और अन्य अपराधों के खिलाफ अभियान चलाने के बावजूद, देर रात तक क्लब कैसे संचालित हो रहे हैं? क्राइम ब्रांच और स्थानीय थानों की सख्ती के दावों के बीच, नाइट कल्चर क्यों नहीं रुक रहा? पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जो उनकी उदासीनता को जाहिर करता है। हाल ही में जुए के अड्डों पर छापेमारी में पुलिसकर्मियों के सस्पेंड होने के मामले ने भी भ्रष्टाचार की परतें खोली हैं। लाखों रुपए की नकदी बरामद होने के बाद मामलों को सेटल करने की खबरें आम हैं, लेकिन अब सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। समाजसेवी संगठनों का कहना है कि युवाओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाने चाहिए, ताकि वे नशे से दूर रहें।

 ड्रग्स माफियाओं पर शिकंजा और आंकड़े

मध्य प्रदेश पुलिस ने ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ हाल में कई ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें करोड़ों रुपए का नशा जब्त किया गया है। चौंकाने वाले आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुए हैं, जो शहरों में फैले जाल को दिखाते हैं। लेकिन इन अभियानों के बावजूद, पब और क्लबों में नशे का दौर जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस को क्लब मालिकों पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए और लाइसेंस की जांच नियमित करनी चाहिए। युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी और तनाव भी उन्हें ऐसे माहौल की ओर आकर्षित कर रहा है। अब प्रशासन को इन सवालों के जवाब ढूंढने होंगे और रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भोपाल जैसे शहर सुरक्षित बने रहें।

 

Report By:
Monika