Aug 26, 2025
मोदी सरकार की रणनीति: अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए उच्चस्तरीय बैठक
अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लागू करने का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा। यह टैरिफ रूस से सस्ते तेल की खरीद के कारण 25% बेस टैरिफ और 25% पैनल्टी के रूप में लगाया गया है। इस भारी टैरिफ का असर भारतीय निर्यात, खासकर कपड़ा, चमड़ा, रसायन और इंजीनियरिंग क्षेत्रों पर पड़ेगा। इससे पहले, मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) आज उच्चस्तरीय बैठक कर टैरिफ के प्रभावों का आकलन और समाधान की समीक्षा करेगा।
एक्सपोर्ट्स पर प्रभाव और सरकार का रुख
यह टैरिफ भारतीय निर्यातकों के मुनाफे को कम करेगा और अमेरिकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने पहले से ही निर्यातकों और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार वैकल्पिक बाजारों की तलाश और घरेलू खपत बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे बाजारों में भारत अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बना रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में एक जनसभा में कहा, “चाहे कितना भी दबाव आए, हम दृढ़ता से खड़े रहेंगे।” उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देने पर जोर दिया और किसानों, पशुपालकों और छोटे उद्यमियों के हितों की रक्षा का वादा किया। सरकार ने जीएसटी सुधार जैसे कदमों के साथ घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में काम शुरू किया है।
वैकल्पिक बाजार और जवाबी रणनीति
भारत रूस के साथ व्यापार बढ़ाने के अलावा नए बाजारों की तलाश कर रहा है। सरकार निर्यातकों को सब्सिडी और आर्थिक सहायता देने पर भी विचार कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ भारत को घरेलू उत्पादन और नए व्यापारिक रास्तों की ओर प्रेरित कर सकता है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती मिलेगी।