Loading...
अभी-अभी:

अम्बिकापुरः आवारा कुत्तों के आतंक से लोग परेशान, जिला चिकित्सालय में एंटी रेबीज दवा नहीं

image

Jul 10, 2019

राम कुमार यादव- अंबिकापुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और यह इसलिए है कि पिछले 4 साल में नगर निगम द्वारा टेंडर तो कई बार निकाले गए, परंतु इन कुत्तों की नसबंदी के टेंडर के लिए आज तक कोई ठेकेदार सामने नहीं आया। इन दिनों आलम यह है कि बीते 184 दिनों में सिर्फ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय अंबिकापुर में 1103 पीड़ित पहुंचे हैं जो आवारा कुत्तों के शिकार हो चुके हैं। इन सब में बड़ी बात यह है कि संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े जिला चिकित्सालय में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हो चुका है या यूं कहे की एंटी रेबीज इंजेक्शन का सरगुजा संभाग में टोटा हो चुका है। अंबिकापुर में अगर किसी को  कुत्ता काट ले तो सतर्क हो जाएं क्योंकि कुत्ते के काटने के बाद लगाया जाने वाला इंजेक्शन एंटी रैबिट का टोटा हो चुका है और यह इंजेक्शन ना तो सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है, न ही बाजार में।

पिछले 6 महीने से एंटी रैबिट इंजेक्शन की आपूर्ति नहीं

अगर कोई पीड़ित इंजेक्शन लगाने के लिए अस्पताल पहुंच भी रहा है तो वह  केवल अस्पताल के चक्कर लगा रहा है। अब ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंजेक्शन के नहीं उपलब्ध होने से लोगों की जान किस कद्र खतरे में है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित बाजार में भी एंटी रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो गया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि दवाइयां सीजीएमएससी से आती हैं। पिछले 6 महीने से एंटी रैबिट इंजेक्शन रेगुलर नहीं भेजा गया है। इस इंजेक्शन की अंबिकापुर सहित प्रदेश में भी कमी है। अगर आंकड़े की बात करें तो वर्ष 2019 में अब तक 184 दिनों में 1103 पीड़ित अस्पताल पहुंच चुके हैं। इतना ही नहीं, रोजाना कोई न कोई मरीज आज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के गृह शहर में अगर यह हालात बनी हुई है, तो पूरे प्रदेश में किस प्रकार की हालत होगी यह देखने वाली बात है।