Aug 21, 2025
अर्चना तिवारी मिसिंग केस - ‘लापता लेडीज’ से प्रेरित थी साजिश, तीसरा किरदार सबसे बड़ा राजदार
मध्य प्रदेश की अर्चना तिवारी के लापता होने की गुत्थी सुलझ गई है। 28 वर्षीय वकील और सिविल जज अभ्यर्थी ने शादी के दबाव से बचने के लिए अपनी गुमशुदगी की साजिश रची थी। इस फिल्मी अंदाज की कहानी में किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज’ से प्रेरणा ली गई। अर्चना ने अपने फोन को जंगल में फिंकवाया और दो दोस्तों, सारांश और तेजेंद्र सिंह, के साथ मिलकर नेपाल तक भाग गई।
साजिश का खुलासा
पुलिस के अनुसार, अर्चना ने अपनी गुमशुदगी को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। उसने ट्रेन में सामान छोड़ा और फोन जंगल में फिंकवाकर पुलिस को गुमराह किया। वह इटारसी से शुजालपुर, हैदराबाद, जोधपुर, दिल्ली होते हुए नेपाल पहुंची। तेजेंद्र सिंह, उसका पुराना क्लाइंट, ने इटारसी तक साथ दिया, जबकि सारांश ने यात्रा में मदद की। तीसरा किरदार, तेजेंद्र, को पुलिस अर्चना का सबसे बड़ा राजदार मान रही है।
नेपाल कनेक्शन और पुलिस की मेहनत
12 दिनों तक चली खोज के बाद जीआरपी ने अर्चना को नेपाल सीमा के पास लखीमपुर खीरी से बरामद किया। 70 लोगों की पुलिस टीम ने 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। अर्चना की कॉल डिटेल्स से सारांश का पता चला, जिससे साजिश का खुलासा हुआ। नेपाल में अर्चना अकेली थी, और उसे भोपाल लाया गया।
परिवार और पृष्ठभूमि
अर्चना के पिता का 2019 में निधन हो चुका है। वह इंदौर में वकालत के साथ सिविल जज की तैयारी कर रही थी। परिवार शादी के लिए दबाव डाल रहा था, जिसे वह टालती रही। उसने पांच शादी के प्रस्ताव ठुकराए थे।