Jul 22, 2025
मध्यप्रदेश की फूलों की फुलझड़ी: देश में तीसरा, दुनिया में छाया!
मध्यप्रदेश ने फूलों के उत्पादन में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जो अब देश का तीसरा सबसे बड़ा फूल उत्पादक राज्य बन गया है। वर्ष 2024-25 में 5,12,914 टन फूलों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ, जो किसानों की मेहनत और सरकारी प्रयासों का परिणाम है। फूलों की खेती न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है, बल्कि छोटे किसानों की आय को भी दोगुना कर रही है। गुना के गुलाब अब पेरिस और लंदन तक अपनी खुशबू बिखेर रहे हैं।
प्रमुख फूल और उत्पादन
मध्यप्रदेश में गेंदा, गुलाब, गुलदाउदी, ग्लेडियोलस, रजनीगंधा और औषधीय फूल जैसे ईसबगोल, अश्वगंधा, सफेद मूसली और कोलियस का उत्पादन होता है। गेंदा का रकबा 24,214 हेक्टेयर है, जबकि गुलाब 4,502 हेक्टेयर में उगाया जाता है। गुलदाउदी (1,709 हेक्टेयर), ग्लेडियोलस (1,058 हेक्टेयर) और रजनीगंधा (263 हेक्टेयर) भी प्रमुख हैं। प्रति हेक्टेयर 15.01 टन की उत्पादकता फूलों की खेती को असाधारण बनाती है।
किसानों की आर्थिक उन्नति
फूलों की खेती छोटे जोत वाले किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। भोपाल की लक्ष्मीबाई कुशवाह ने धान और गेहूं छोड़कर गुलाब, जरबेरा और गेंदा की खेती शुरू की, जिससे वे每月 3-4 लाख रुपये कमा रही हैं। चार साल में फूलों का रकबा 5,329 हेक्टेयर बढ़ा और उत्पादन में 86,294 टन की वृद्धि हुई।
हाईटेक नर्सरी और सरकारी सहयोग
उद्यानिकी विभाग हाईटेक नर्सरी और प्रशिक्षण के जरिए किसानों को तकनीकी जानकारी दे रहा है। ग्वालियर में 13 करोड़ रुपये की लागत से बन रही हाईटेक फ्लोरीकल्चर नर्सरी मध्यप्रदेश को फूलों के उत्पादन में अग्रणी बनाने में मदद करेगी।
वैश्विक बाजार में मांग
मध्यप्रदेश के फूल दिल्ली, मुंबई, जयपुर के साथ-साथ पेरिस और लंदन तक पहुंच रहे हैं। यह बढ़ती मांग किसानों के लिए नए अवसर और आर्थिक समृद्धि ला रही है।
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