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सिंधिया के अलग होते ही पार्टी में फैली बगावत की चिंगारी

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Mar 12, 2020

मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी से अलग होने के बाद सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए है लेकिन उनके जाने का असर दिल्ली में भी जल्द ही देखने को मिल सकता है। पार्टी की दिल्ली इकाई में भी बगावत की चिंगारी सुलगने लगी है। नगर निगम से लेकर केंद्र सरकार तक का हिस्सा रहे कई वरिष्ठ पार्टी नेता निकट भविष्य में भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम सकते हैं। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस की नई नेतृत्व टीम की घोषणा होने के बाद बगावत की यह चिंगारी और तेज हो गई है। चार से पांच बार के कई विधायक, दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके, कई पूर्व सांसद, केंद्रीय मंत्री रह चुके और नगर निगम की राजनीति में दशकों से सक्रिय कई वरिष्ठ नेता काफी समय से खुद को पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
 
नई टीम के साथ सहयोग न करने का मन बनाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ नेता अभी अपने विरोध को तो दबा रहे हैं, लेकिन नई टीम के साथ सहयोग न करने का भी मन बना चुके हैं। मीडिया से बातचीत में अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल रहे कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि नई टीम के साथ काम करने से बेहतर तो पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर घर बैठ जाना है। पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मण रावत ने भी इस्तीफा देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को वे पूर्वी दिल्ली के कई पार्टी पदाधिकारियों के साथ वरिष्ठ नेताओं से मिलकर नई टीम की नियुक्ति का विरोध दर्ज कराएंगे।

वरिष्ठ नेताओं को पदोन्नति के जरिये साधने की रणनीति
इसके अलावा दूसरी ओर स्थिति भांपकर पार्टी ने नाराज वरिष्ठ नेताओं को पदोन्नति के जरिये साधने की रणनीति भी बनाई है। पूर्व सांसदों सहित 18 वरिष्ठ नेताओं की सूची शॉर्ट लिस्ट की गई है। इनमें से कुछ नेताओं को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में जिम्मेदारी दी जाएगी जबकि कुछ नेताओं को प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों का अध्यक्ष बनाया जाएगा। शक्ति सिंह गोहिल (प्रभारी, दिल्ली कांग्रेस) ने कहा कि पार्टी ने दिल्ली की टीम में युवाओं को शामिल कर एक नई शुरुआत की है। पूर्व विधायक जयकिशन काफी वरिष्ठ हैं तो अभिषेक दत्त नगर निगम, मुदित अग्रवाल वैश्य समाज, अली हसन मुस्लिम वर्ग और शिवानी चोपड़ा पंजाबी तबके से संबंध रखती हैं। जहां तक नेताओं की नाराजगी का प्रश्न है तो उन्हें भी जल्द ही नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी।