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एक ऐसी भारतीय बहादुर लड़की जिसका सम्मान पड़ोसी देश भी करता था

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Sep 5, 2019

नीरजा भनोट एक वो भारतीय लड़की जिसका सम्मान न केवल भारत बल्कि पड़ोसी मूल्क पाकिस्तान में भी होता है। नीरजा की मौत आज से 33 साल पहले आतंकवादियों ने कर दी थी। दरअसल 5 सितंबर 1986 को अपहरणकर्ताओं ने पैन एएम फ्लाइट 73 को कराची से हाईजैक कर लिया था।नीरजा भनोट इस फ्लाइट की मुख्य पर्सर के रुप में तैनात थी। नीरजा ने इस विमान के यात्रियों को सकुशल बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी थी। इस दौरान नीरजा भनोट सहित 20 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक यात्री घायल हो गए थे। इस फ्लाइट में कुल 379 यात्री सवार थे। इस हादसे के समय नीरजा की उम्र केवल 22 वर्ष थी। नीरजा एयर होस्टेस के अलावा मॉडल भी थी। उन्होंने कुछ ब्रॉन्ड्स के लिए मॉडलिंग भी की थी। वह अपने पति से अलग अपनी मां-पिता के साथ रहती थी।

नीरजा ने आतंकियों का डटकर किया था मुकाबला

5 सितंबर 1986 को निरजा मुंबई से अमेरिका जाने वाली पैन एम 73 फ्लाइट में सवार थीं। फलाइट के कराची पहुंचने के कुछ समय बाद ही इसको हाईजैक कर लिया गया था। यह सभी लिबिया की अबू निदल ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हुए थे। इनका मकसद विमान में मौजूद अमेरिकियों को जान से मारना था। इसके अलावा वह अपने फिलिस्‍तीनी साथियों की जेल से रिहाई चाहते थे। आतंकी 369 यात्रियों से भरी फ्लाइट को क्रैश करना चाहते थे। नीरजा ने आतंकियों का डटकर मुकाबला किया। नीरजा ने आतंकियों को समझाने की कोशिश की मगर वह नहीं माने। उनके अदम्य साहस को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा था। उनकी इस बहादुरी से पड़ोसी पाकिस्तान भी प्रभावित था और उसने नीरजा को 'तमगा-ए-इंसानियत' के सममान से नवाजा था। बॉलीवुड में इस मुद्दे पर 2016 में फिल्म भी बनी थी। जिसमें अभिनेत्री सोनम कपूर ने उनका किरदार निभाया था। नीरजा भनोट युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श रहेंगी।