Loading...
अभी-अभी:

पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 30 प्रतिशत घटी

image

Sep 17, 2016

जबलपुर। राज्य शासन के प्रयासों के चलते प्रदेश में विगत 10 वर्ष में नवजात शिशु, 05 वर्ष तक के बच्चे और मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2005-06 में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार पर 69 थी जो वर्ष 2015-16 में 26 प्रतिशत घटकर 51 रह गई है। इसी तरह 5 वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर भी 30 प्रतिशत घटकर 2015-16 में 65 प्रति हजार हो गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के सर्वे में मातृ मृत्यु दर भी वर्ष 2010-12 के मुकाबले 3.9 प्रतिशत की कमी के साथ 2011-12 में 221 प्रति हजार हो गई है। राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न स्तर के अध्ययन और सर्वेक्षणों में इन सभी सूचकांकों में गिरावट का रूख है जो लगातार जारी प्रयासों का ही परिणाम है। अभी तक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में 16 राज्य की सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी हुई। इसमें बड़े राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक सुधार हुआ है।

सर्वेक्षण में शिशु मृत्यु दर में 26.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। जोकि इसमें बड़े राज्यों में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक सुधार हुआ है। पिछले एक दशक में 05 वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर में भी 30.1 प्रतिशत की गिरावट आई है। कुपोषण में इसी तरह 05 वर्ष आयु तक के गंभीर कुपोषण दर में भी 27 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2005-06 के मुकाबले यह 12.6 प्रति हजार से घटकर वर्ष 2015-16 में 9.2 रह गया है। ऊँचाई के अनुपात में कम वजन वाले बच्चों की संख्या में भी 26.3 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जो सर्वाधिक सुधार वाले राज्य में शामिल हुए हैं।

इसी तरह केन्द्रीय सर्वेक्षणों के अनुसार मातृ मृत्यु दर में भी प्रदेश में 3.9 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश में एसआरएस के अनुसार वर्ष 2010-11 में मातृ मृत्यु दर 230 प्रति हजार थी जो वर्ष 2011-12 में घटकर 221 रह गई। राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 170 से घटकर 167 हो गई है। सर्वाधिक गिरावट वाले राज्यों में मध्यप्रदेश का स्थान दूसरा है।  सामान्य से कम वजन वाले 5 वर्ष तक के बच्चों के प्रतिशत में 26.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। उल्लेखनीय है कि 16 राज्य में भी केवल 6 राज्य में यह गिरावट दर्ज की गई है। 5 वर्ष आयु तक के बच्चों में ऊँचाई के अनुपात में सामान्य से कम वजन में वर्ष 2005-06 में देश में प्रथम स्थान पर था जो 2015-16 में 16 राज्य में चौथे स्थान पर है। इसमें तुलनात्मक रूप से 27 प्रतिशत का सुधार हुआ है, जबकि मणिपुर, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, आसाम, गोवा, उत्तराखंड, कर्नाटक, सिक्किम, हरियाणा एवं महाराष्ट्र में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। सर्वे में घोषित 16 राज्य के परिणामों के अतिरिक्त देश के अन्य बड़े राज्यों के परिणाम अभी जारी होना बाकी है। सभी राज्यों के परिणाम आने के बाद ही प्रदेश के अन्य राज्यों की तुलना में वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकेगी। मध्यप्रदेश ने महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन से उपलब्ध बड़े राज्यों की तुलना में सर्वाधिक सुधार प्रदर्शित किया है।