Oct 7, 2025
मध्य प्रदेश भाजपा में दिवाली से पहले संगठनात्मक क्रांति: हेमंत खंडेलवाल की नई टीम में दिग्गजों की वापसी तय
मध्य प्रदेश में भाजपा की राजनीतिक तस्वीर दिवाली से पहले पूरी तरह बदलने वाली है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की नई कार्यकारिणी का ऐलान जल्द होने जा रहा है, जिसमें 70 प्रतिशत नए चेहरे शामिल होंगे। हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव, खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की बैठक में नामों पर अंतिम मुहर लग चुकी है। लिस्ट दिल्ली भेजी गई है, जहां से मंजूरी मिलते ही बड़ा खुलासा होगा। पुराने दिग्गजों की वापसी और नए नेताओं को मौका देकर पार्टी संगठन को मजबूत करने की रणनीति साफ दिख रही है। यह बदलाव 100 दिनों में खंडेलवाल की अगुवाई को नई दिशा देगा।
नई कार्यकारिणी में बड़े फेरबदल की तैयारी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने जुलाई 2025 में पदभार संभालते हुए संगठन को नई ऊर्जा देने का वादा किया था। अब, दिवाली की पूर्व संध्या पर यह वादा साकार होने को है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की टीम से पूरी तरह अलग नई संरचना बनेगी। पुरानी टीम के अधिकांश सदस्य अब सांसद या विधायक बन चुके हैं, जिससे रिक्त पदों पर नए चेहरों को जगह मिलेगी। खंडेलवाल ने विभिन्न जिलों का दौरा कर स्थानीय नेताओं से फीडबैक लिया, जिसके आधार पर लिस्ट फाइनल हुई। यह कदम पार्टी के आधार को व्यापक बनाने और युवा-महिला वर्ग को जोड़ने पर केंद्रित है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फेरबदल आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा को मजबूत बनाएगा।
दिग्गज नेताओं की संगठन में भव्य वापसी
नई टीम का सबसे रोचक पहलू पुराने दिग्गजों की वापसी है। वीडी शर्मा की कार्यकारिणी में दरकिनार किए गए सीनियर नेता अब फिर से मुख्यधारा में लौट सकते हैं। इनमें आशुतोष तिवारी, शैलेंद्र बरुआ, जितेंद्र लिटोरिया, श्याम महाजन, केशव सिंह भदौरिया और जयपाल चावड़ा जैसे नाम प्रमुख हैं। ये नेता पहले निगम-मंडलों में भेजे गए थे, लेकिन अब उनकी संगठनात्मक क्षमता का उपयोग होगा। उनकी जगह नए चेहरों को निगमों में तैनाती मिल सकती है। यह रणनीति पार्टी के आंतरिक संतुलन को बनाए रखते हुए अनुभवी नेतृत्व को मजबूत करेगी। खंडेलवाल की यह सोच संगठन को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में है, जहां जाति-क्षेत्रीय समीकरणों का भी ध्यान रखा गया।
पुरानी टीम के सदस्यों का नया सफर
वीडी शर्मा की टीम के 16 प्रमुख पदाधिकारी अब विधायिका या संसद पहुंच चुके हैं, जो नई कार्यकारिणी के लिए जगह खाली करने का बड़ा कारण है। किसान मोर्चा अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी नर्मदापुरम से लोकसभा सांसद हैं, जबकि महिला मोर्चा की माया नारोलिया राज्यसभा सदस्य बनीं। इसी तरह, कविता पाटीदार, लता वानखेड़े, सुमित्रा बाल्मिकी, भगवान दास सबनानी, हरिशंकर खटीक, मनीषा सिंह, ललिता यादव और चिंतामणि मालवी जैसे नेता सांसद-विधायक बन चुके हैं। इनकी उपलब्धियों से प्रेरित होकर भाजपा अब युवा और समर्पित कार्यकर्ताओं को आगे लाएगी। यह बदलाव पार्टी की गहराई को दर्शाता है, जहां सफलता के बाद नई पीढ़ी को अवसर मिले।
मोर्चों में भी व्यापक परिवर्तन अपेक्षित
केवल मुख्य कार्यकारिणी ही नहीं, बल्कि युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, एससी मोर्चा और एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्षों में भी फेरबदल तय है। फिलहाल युवा मोर्चा की कमान वैभव पंवार संभाल रहे हैं, लेकिन उनकी जगह किसी उभरते युवा नेता को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। कई जिलों में स्थानीय कार्यकारिणी पहले ही घोषित हो चुकी है, जो राज्य स्तर के बदलाव का संकेत दे रही है। यह समग्र पुनर्गठन भाजपा को ग्रामीण-शहरी दोनों क्षेत्रों में मजबूत करेगा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम विपक्ष के खिलाफ पार्टी की एकजुटता बढ़ाएगा।
दिल्ली की मंजूरी से तेज होगा ऐलान
दिल्ली से हरी झंडी मिलते ही हेमंत खंडेलवाल 15-20 दिनों में नई टीम का औपचारिक ऐलान करेंगे। यह समय पार्टी के लिए रणनीतिक है, क्योंकि दिवाली के उत्साह में संगठन को नई गति मिलेगी। खंडेलवाल ने पद संभालते हुए अनुशासन और कार्यकर्ता सम्मान पर जोर दिया था, जो अब नई टीम से साकार होगा। मध्य प्रदेश भाजपा के इस पुनर्जागरण से राज्य की सियासत में नया अध्याय शुरू होगा।