Sep 11, 2025
मंडला/जबलपुर: आदिवासी जनजाति कार्य विभाग के एई नरेंद्र गुप्ता को 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
अमित चौरसिया मंडला: मध्य प्रदेश के मंडला जिले में आदिवासी जनजाति कार्य विभाग में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर नरेंद्र गुप्ता को जबलपुर लोकायुक्त टीम ने 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई रिपेयरिंग और मेंटेनेंस कार्य के बिल पास करने के एवज में की गई मांग पर आधारित है। शिकायतकर्ता रोशन तिवारी की शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत यह सख्तीपूर्ण कदम उठाया गया, जो सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सतत प्रयासों को दर्शाता है।
गिरफ्तारी की पूरी प्रक्रिया
आवेदक रोशन तिवारी ने 9 सितंबर 2025 को जबलपुर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि आदिवासी जनजाति कार्य विभाग में रिपेयरिंग और मेंटेनेंस कार्य के लिए शेष 16 लाख 60 हजार रुपये का भुगतान बाकी है। इस बिल को पास करने के लिए असिस्टेंट इंजीनियर नरेंद्र गुप्ता द्वारा 1 प्रतिशत रिश्वत, यानी 56 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। लोकायुक्त टीम ने शिकायत का सत्यापन किया और जाल बिछाया। 11 सितंबर 2025 को प्रथम किस्त के रूप में 20 हजार रुपये देते समय आरोपी को उसके कार्यालय में ही दबोच लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान टीम ने रिश्वत की राशि जब्त कर ली और आरोपी को हिरासत में ले लिया। यह घटना मंडला जिले के सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलती है, जहां जनजातीय विकास योजनाओं का लाभ प्रभावित हो रहा है।
कानूनी कार्रवाई और प्रभाव
आरोपी नरेंद्र गुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। लोकायुक्त टीम ने पूछताछ शुरू कर दी है, जिसमें अन्य संभावित शामिल लोगों की जांच भी शामिल है। यह गिरफ्तारी जनजातीय क्षेत्रों में विकास कार्यों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक सकारात्मक संकेत है। शिकायतकर्ता रोशन तिवारी ने बताया कि लंबे समय से बिल लंबित होने से ठेकेदारों को आर्थिक परेशानी हो रही थी। लोकायुक्त के इस कदम से अन्य अधिकारियों में भय का माहौल है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सकता है। मध्य प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की दिशा में कई अभियान चलाए हैं, और यह कार्रवाई उसी का हिस्सा है। कुल मिलाकर, यह घटना आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए न्यायिक तंत्र की सक्रियता को रेखांकित करती है।