Aug 19, 2025
उज्जैन महाकालेश्वर: भस्म आरती के समय में बदलाव, अब सुबह 4 बजे से शुरू होगी पवित्र पूजा
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के समय में बदलाव किया गया है। सावन और भादो मास में बाबा महाकाल की भस्म आरती अब सुबह 4 बजे से शुरू होगी। यह व्यवस्था भाद्रपद कृष्ण पक्ष एकादशी से लागू हो चुकी है। मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है, खासकर अजा एकादशी के शुभ योग के कारण। भक्तों को अब पुराने समय पर दर्शन का लाभ मिलेगा।
भस्म आरती का नया समय
महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की समय-सारिणी में बदलाव किया गया है। मंगलवार से यह पवित्र आरती सुबह 4 बजे शुरू हो रही है। पहले सावन मास में बाबा महाकाल डेढ़ घंटे पहले जागते थे, लेकिन राजसी सवारी के समापन के बाद अब मूल समय पर लौटा गया है। मंदिर के पुजारियों के अनुसार, यह व्यवस्था भाद्रपद कृष्ण पक्ष एकादशी से लागू हुई है, जिससे भक्तों को सुविधा होगी।
भस्म आरती की पवित्र परंपरा
भस्म आरती महाकालेश्वर मंदिर की सबसे खास पूजा है। परंपरा के अनुसार, सुबह मंदिर के पट खोलकर भगवान मानभद्र और वीरभद्र की आज्ञा से पूजा शुरू होती है। बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक, केसर युक्त जल अर्पण और भांग-मावे से श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद अखाड़े के साधु भस्म अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इस आरती में बाबा महाकाल निराकार से साकार रूप में प्रकट होते हैं।
अजा एकादशी का महत्व
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे अजा एकादशी कहा जाता है, का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन व्रत और पूजा से पापों से मुक्ति और सुख-समृद्धि मिलती है। पंडितों के अनुसार, इस बार शुभ योगों के संयोग ने इस दिन को और विशेष बना दिया। इन योगों में पूजा करने से भक्तों को दोगुना फल प्राप्त होता है, जिसके चलते मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
श्रद्धालुओं के लिए सलाह
मंदिर प्रशासन ने भक्तों से अनुरोध किया है कि वे भस्म आरती के नए समय की जानकारी पहले से ले लें। दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग और समय पर पहुंचना जरूरी है। सावन और भादो में बढ़ती भीड़ को देखते हुए व्यवस्थित दर्शन के लिए मंदिर समिति ने विशेष इंतजाम किए हैं।