Oct 18, 2025
अष्टलक्ष्मी के आठ रूप: दीपावली पर पूजा से मिलेगी समृद्धि और सौभाग्य
दीपावली का पर्व मां लक्ष्मी की आराधना के बिना अधूरा है। मां लक्ष्मी को धन की देवी के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में समृद्धि प्रदान करने वाली माना जाता है। शास्त्रों में मां के आठ स्वरूप, यानी अष्टलक्ष्मी, का वर्णन है, जो धन, ज्ञान, शक्ति, सौभाग्य, संतति, धैर्य, विजय और भोग का आशीर्वाद देती हैं। दीपावली की रात इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त होती है।
अष्टलक्ष्मी के आठ स्वरूप और उनका महत्व
अष्टलक्ष्मी के प्रत्येक रूप का विशेष महत्व है। आदि लक्ष्मी जीवन में स्थिरता और शांति प्रदान करती हैं। धन लक्ष्मी से अपार संपत्ति और आर्थिक समृद्धि मिलती है। धान्य लक्ष्मी अन्न, सुख और समृद्धि की दाता हैं। गज लक्ष्मी ऐश्वर्य और वैभव प्रदान करती हैं। संतान लक्ष्मी की कृपा से संतान सुख और पारिवारिक शांति प्राप्त होती है। विजय लक्ष्मी सफलता और आत्मविश्वास का वरदान देती हैं। विद्या लक्ष्मी ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि करती हैं, जबकि धैर्य लक्ष्मी मानसिक संतुलन और स्थिरता प्रदान करती हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दीपावली की रात इन सभी रूपों की सामूहिक पूजा से धन, स्वास्थ्य, परिवार और कर्म में प्रगति होती है। पूजा में दीप, कमल, चावल और सुगंधित पुष्पों का विशेष महत्व है।
पूजा का प्रभाव
सच्चे मन से अष्टलक्ष्मी की साधना करने से दरिद्रता दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह पूजा न केवल आर्थिक समृद्धि लाती है, बल्कि मानसिक शांति और पारिवारिक सौहार्द भी बढ़ाती है। दीपावली पर अष्टलक्ष्मी की आराधना से हर क्षेत्र में प्रगति संभव है।