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दबंगों ने सुनाया तुगलकी फरमान

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Sep 8, 2017

गरियाबंद : जिले में एक बार फिर तुगलकी फरमान सुनने को मिला हैं। गांव के कुछ दबंगों ने अपने ही गांव के एक व्यक्ति के लिए ये फरमान जारी किया हैं। दबंगों की इस हरकत से पीड़ित दहशत में हैं और शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा हैं।

आनंदराम साहू छुरा विकासखंड के करचाली गांव का रहने वाला हैं और अपने ही गांव में पिछले कई सालों से किराना की एक छोटी सी दुकान चलाता हैं, लेकिन अब आनंदराम की दुकान से गांव का कोई भी व्यकित सामान नहीं खरीद सकता। किसी ने यदि धोखे से खरीद लिया, तो उसे 500 रुपए दंड भरना पड़ेगा।

ये फरमान गांव के कुछ दबंगों ने ग्रामीणों पर लगा रखा हैं, इसलिए गांव के लोग आनंदराम की दुकान से सामान नहीं खरीदते। दबंगों के मना करने के बाद भी गांव की केवल एक महिला, जो सरकारी स्कूल में मध्याहन भोजन बनाती हैं बस वहीं उसकी दुकान से सामान खरीदती हैं।

इस पूरे मामले में आनंदराम का कसुर सिर्फ इतना हैं कि उसने जीवनभर की कमाई से एक कमरे का पक्का घर इन दबंगों के मनमाफिक नहीं बना, इसलिए दबंगों ने आनंदराम पर 11 हजार 5 सौ का दंड लगा दिया। आनंदराम ने दंड देना स्वीकार भी कर लिया, मगर रकम इक्ट्टा करने के लिए कुछ समय की मांग की थी, जिसे दबंगों ने ठुकरा दिया और 13 अगस्त से दबंगों ने ग्रामीणों को आनंदराम की दुकान से सामन नहीं खरीदने का फरमान जारी कर दिया।

आनंदराम के मुताबिक गांव वालों की मौजूदगी में दंबगों ने ये फरमान जारी किया हैं, मगर जब मीडिया ने गांव वालों और दबंगों से इस बारे में बात करने की कोशिश की, तो कोई भी कैमरे के सामने आने को तैयार नहीं हुआ। इस फैसले से आनंदराम की दुकान पूरी तरह ठप हो गई हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले पढ़ाई लिखाई करने के बाद भी जब नौकरी नहीं मिली, तो अपनी जमीन बेचकर गांव में किराना की एक छोटी सी दुकान खोल ली और पिछले साल दुकान को और बड़ा करने के लिए सरकार की अंतव्यवसायी योजना के तहत एक लाख का लोन ले लिया।

पत्नि रामबाई ने भी महिला समूह से 30 हजार का लोन लेकर उसकी मदद की, मगर दबंगों के इस फैसले से उसका व्यापार चौपट हो गया हैं, लोन की किस्त पटाना तो दूर घर चलाना भी उसके लिए मुश्किल हो गया। आनंदराम ने जिले के एसपी और कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई हैं।

गरियाबंद जिले में तुगलकी फरमान जारी करने का ये पहला मामला नहीं हैं, इससे पहले भी कई बार इस तरह के फरमान जारी हो चुके हैं। जिला प्रशासन द्वारा कभी भी इस तरह के मामलों में कठोर कार्यवाई नहीं की गई, जिसके चलते ऐसे दबंगों के हौसले बुलंद हैं।

अब देखने वाली बात होगी कि एसपी और कलेक्टर इस मामले के क्या कार्यवाई करते हैं या फिर ये मामला भी पुराने मामलों की तरह यू ही प्रशासन की खानापूर्ति बनकर रह जाएगा।