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राजनांदगांवः श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में पहुंचे कनिष्ठ शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती

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Nov 2, 2019

मनोज मिश्ररेकर - शहर के मोतीपुर क्षेत्र में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा वाचन के लिए पहुंचे कनिष्ठ शंकराचार्य स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने राम मंदिर सहित कई मुद्दों पर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि आगामी 19 नवंबर से पूर्व राम मंदिर का फैसला साक्ष्यों के आधार पर हिंदू सनातन धर्म के पक्ष में ही आएगा। राजनांदगांव शहर के मोतीपुर क्षेत्र में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा वाचन करने विश्व हिंदू जागरण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास-अयोध्या के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी आत्मानंद सरस्वती, इन दिनों राजनंदगांव प्रवास पर पहुंचे हुए हैं। उन्होंने यहां पत्रकार वार्ता आयोजित कर राम मंदिर के मुद्दे पर कहा कि राम मंदिर पर फैसला 19 नवंबर से पहले साक्ष्यों के आधार पर सनातन धर्मालम्बियों के पक्ष में ही आएगा। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पर उन्हें पूरा भरोसा है कि साक्ष्यों के आधार पर ही निर्णय मंदिर निर्माण के पक्ष पर सुनाया जाएगा। कनिष्ठ शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ प्रदेश की भूपेश सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ प्रदेश की भूपेश सरकार गौशालाओं के प्रति ध्यान दे रही है और गायों के संरक्षण को लेकर सामने आई है, यह स्वागत योग्य है। इसी तरह देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ऐसा करने की जरूरत है।

श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन 1 नवंबर से 7 नवंबर तक

भागवत कथा का वाचन करने पहुंचे स्वामी जी ने कहा कि देश में संत की संपत्ति जनता की होती है। वहीं जेल में बंद कुछ कथित स्वामी, गुरुओं और बाबा के संबंध में कहा कि ऐसे लोग संत नहीं होते हैं। यह लोग केवल व्यापार कर रहे हैं। स्थानीय मोतीपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन 1 नवंबर से 7 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक मोतीपुर स्कूल मैदान में कथा वाचन किया जाएगा। आयोजनकर्ता के द्वारा बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं से उपस्थित होकर कथा श्रवण करने की अपील की गई है। श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन शहर में कलश यात्रा के बाद वेदी पूजन और गोकर्ण कथा और भागवत कथा आयोजित हुई, जिसमें परीक्षित जन्म एवं श्राप को लेकर कथा सुनाई गई।