Loading...
अभी-अभी:

ग्वालियरः गंदे पानी की समस्या से बढ़ी लोगों की परेशानी, पड़ रहा स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव

image

May 14, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा- ग्वालियर शहर में ना तो लोगों को पर्याप्त पीने का पानी मिल रहा है और ना ही स्वच्छ पानी नलों में आ रहा है। शहर के कई क्षेत्रों में जो पानी सप्लाई हो रहा है वह भी शुद्ध नहीं है। पीले पानी को लेकर शहर के लोग परेशान हो रहे हैं। लोगों ने इसकी शिकायत कई बार नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों से भी की, लेकिन हालात जस के तस हैं। लगातार आ रही शिकायतों के चलते निगम कमिश्नर ने गंदे पानी के समाधान के लिए एक सेल भी बनाई है, जो पूरी तरह से निष्क्रिय है। शहरवासियों को गंदे पानी की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है।

ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर संदीप माकिन को लगातार गंदे पानी की समस्याएं मिल रही थीं। इसको लेकर कमिश्नर ने दो दिन पहले ही एक सेल बनाई है। जिसमें अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य, कार्यपालनयंत्री आरएन करैया सहित 5 सहायक इंजीनियरों को रखा। कंट्रोल पर आने वाली शिकायतों को यह सेल देखती है। बावजूद इसके शिकायतों का आन कम नहीं हुआ है, लेकिन अब कमिश्नर साहब कह रहे है, कि गंदा पानी नहीं है, वह पीला पानी है।

नहीं दे पा रहा ग्वालियर नगर निगम साफ और स्वच्छ पेयजल

ग्वालियर नगर निगम साफ और स्वच्छ पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा भी लोगों को नहीं दे पा रहा है। तिघरा से होने वाली सप्लाई के लिए दो ट्रीटमेंट प्लांट बने हैं। एक जहां तिघरा डेम पर ही है और यहां से दक्षिण विधानसभा में पेयजल की सप्लाई हो रही है, दूसरा मोतीझील में हैं। यहां ट्रीटमेंट के नाम पर लाखों रुपए की क्लोरीन हर महीने पानी में मिलाई जा रही है। इसके बावजूद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जो पानी नलों से आ रहा है, वह पीले रंग का है। जिसे देखकर लोग हैरान हैं। आलम यह है कि लोग पेयजल खरीदकर पीने को मजबूर हैं। ऐसे में ग्वालियर दक्षिण के विधायक ने जमकर निगर के अमले की फटकार लगाई है। अब देखना होगा कि इस फटकार कर उन पर क्या असर होता है। शहरवासियों को स्वच्छ पानी मिल पायेगा या यूं ही जनता परेशान होती रहेगी।

बहरहाल शहर में हो रही गंदे पानी की सप्लाई से पानी का कारोबार कई गुना बढ़ चुका है। मजबूरी में लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है। जहां पहले पानी की कुछ ही चुनिंदा प्लांट हुआ करते थे, अब इनकी संख्या कई गुना बढ़ चुकी है। इन फैक्ट्रियों में भी पानी की बर्बादी हो रही है। एक लीटर शुद्ध पानी बनाने के लिए लगभग 2 से ढाई लीटर पानी का इस्तेमाल होता है। बाकी का पानी नालियों में बहा दिया जाता है।