Sep 18, 2025
एमपी बैतूल: कर्ज चुकाने के लिए मां ने 8 साल के बेटे को गिरवी रखा, 6 साल बाद छूटा चंगुल
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक गरीब मां को कर्ज के बोझ तले अपने 8 साल के बेटे को ठेकेदार के पास गिरवी रखना पड़ा। 2019 में सरिता और उनके पति ने ठेकेदार रूपेश शर्मा से 50 हजार रुपये उधार लिए थे। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद मूल राशि लौटाने पर ठेकेदार ने 60 हजार रुपये ब्याज की मांग की। पैसे न होने पर उसने बच्चे को गिरवी रखने की शर्त ठोंकी। गिड़गिड़ाती मां की आंसू नहीं पसीजे पत्थरदिल ठेकेदार, और बच्चा उसके पास छूट गया। जन साहयता संस्था की मदद से 12 सितंबर 2025 को, करीब 6 साल बाद बच्चे को आजाद कराया गया। पुलिस ने ठेकेदार पर बाल श्रम कानून के तहत केस दर्ज किया है।
कर्ज के जाल में फंसा परिवार और ठेकेदार की क्रूरता
2019 में आर्थिक तंगी के कारण सरिता दंपत्ति ने ठेकेदार रूपेश शर्मा से 50 हजार रुपये लिए। 2021 तक मेहनत कर मूल राशि चुकाई, लेकिन ब्याज के 60 हजार न जुटा पाए। ठेकेदार ने साफ कहा कि बेटे को गिरवी रखो, वरना पैसे मत लौटाओ। मजबूरन मां ने 8 साल के बेटे को उसके हवाले कर दिया। ठेकेदार ने बच्चे से खेतों में काम करवाया, जानवर चराए। मां कई बार गिड़गिड़ाई, लेकिन ठेकेदार नहीं माना। यह घटना गरीबी और सूदखोरी की भयावहता को उजागर करती है।
6 साल बाद छूटा बच्चा, कानूनी प्रक्रिया जारी
जन साहयता संस्था को मामला पता चला तो पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई कर 12 सितंबर 2025 को बच्चे को मुक्त कराया। बाल कल्याण समिति ने उसे छिंदवाड़ा बालगृह भेज दिया। माता-पिता के पास बच्चे का कोई पहचान पत्र नहीं, सिर्फ आंगनवाड़ी कार्ड है। कार्यकर्ता पल्लवी ठकुरकर के अनुसार, दस्तावेज जुटाने में जद्दोजहद हो रही है। समिति अध्यक्ष अभिषेक जैन ने कहा कि वैध दस्तावेज साबित होने पर ही बच्चा लौटेगा। ठेकेदार पर बाल श्रम की धाराओं में मुकदमा दर्ज, परिवार अब बेटे से मिलने को बेताब है।