Aug 21, 2025
मध्य प्रदेश को माइनिंग कैपिटल बनाने का मास्टर प्लान, कटनी में 23 अगस्त को खनिज कॉन्क्लेव
मध्य प्रदेश खनिज संसाधनों की प्रचुरता और निवेश-अनुकूल नीतियों के साथ देश का माइनिंग कैपिटल बनने की राह पर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य ने खनिज नीलामी में अग्रणी स्थान हासिल किया है। कटनी में 23 अगस्त 2025 को आयोजित खनिज कॉन्क्लेव इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने पर केंद्रित होगा।
खनिज नीलामी में मध्य प्रदेश का दबदबा
मध्य प्रदेश ने 2022-23 में 29 खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर देश में पहला स्थान हासिल किया। हाल ही में क्रिटिकल मिनरल्स की नीलामी के साथ यह पहला राज्य बना जिसने केंद्र सरकार की नीति को लागू किया। भारत सरकार ने 2022 और 2025 में खनन मंत्रियों के सम्मेलन में मध्य प्रदेश को प्रथम और द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया। अब तक 103 खनिज ब्लॉकों की नीलामी से भविष्य में 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक राजस्व की उम्मीद है।
खनिज संसाधनों की प्रचुरता
पन्ना की मझगवां खदान देश की एकमात्र सक्रिय हीरा खदान है, जो प्रतिवर्ष एक लाख कैरेट हीरे का उत्पादन करती है। छतरपुर में 34.2 मिलियन कैरेट हीरे का भंडार मिला है। जबलपुर और कटनी में सोने की खोज हुई, जबकि बालाघाट की मलाजखण्ड खदान देश की सबसे बड़ी तांबा खदान है। ग्रेफाइट, रॉक फॉस्फेट और मैंगनीज जैसे खनिजों की नीलामी ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है।
नवाचार और पारदर्शिता
अवैध खनन रोकने के लिए 41 एआई आधारित ई-चेकगेट स्थापित किए जा रहे हैं। ड्रोन और उपग्रह आधारित निगरानी से खदानों की जियो-टैगिंग और 3डी इमेजिंग की जा रही है। ये कदम पारदर्शी और पर्यावरण-अनुकूल खनन को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
आर्थिक विकास और रोजगार
वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनिज राजस्व में 23% की वृद्धि के साथ 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। भोपाल में 2024 के माइनिंग कॉन्क्लेव में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। ये प्रयास आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को गति दे रहे हैं।