Aug 25, 2025
शिवराज सिंह चौहान: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे?
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से दिल्ली में 45 मिनट की गोपनीय बैठक की। यह मुलाकात बीजेपी के आगामी राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव से जोड़कर देखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, शिवराज संघ और पार्टी दोनों के पसंदीदा उम्मीदवार हैं।
मोहन भागवत के साथ अहम मुलाकात
रविवार शाम को शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के झंडेवालान स्थित आरएसएस कार्यालय केशवकुंज में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। यह बैठक करीब 45 मिनट तक चली और इसे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चल रही चर्चाओं से जोड़ा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव और नए नेतृत्व पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक के बाद शिवराज सीधे दिल्ली हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए और भोपाल पहुंचे, जहां वे एक समारोह में शामिल हुए।
बीजेपी अध्यक्ष चुनाव की तैयारियां
बीजेपी और आरएसएस सितंबर 2025 में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पूरा करने की योजना बना रहे हैं। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद इस प्रक्रिया को तेज करने की संभावना है। 28 सितंबर से पहले नए अध्यक्ष का चयन हो सकता है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है, जिसे लोकसभा चुनाव के लिए बढ़ाया गया था। अब पार्टी नए नेतृत्व की तलाश में है, और शिवराज का नाम इस रेस में सबसे मजबूत माना जा रहा है।
शिवराज क्यों हैं मजबूत दावेदार?
शिवराज सिंह चौहान का लंबा राजनीतिक और संगठनात्मक अनुभव उन्हें इस पद के लिए मजबूत दावेदार बनाता है। वे छह बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और चार बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उनकी लाडली बहना योजना ने न केवल मध्यप्रदेश बल्कि अन्य राज्यों में भी बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ाई। 13 साल की उम्र से आरएसएस से जुड़े शिवराज इमरजेंसी के दौरान जेल भी जा चुके हैं। ओबीसी समुदाय से आने वाले शिवराज का संघ और बीजेपी नेतृत्व के साथ गहरा जुड़ाव है।
क्या बदलेगा बीजेपी का नेतृत्व?
शिवराज की मोहन भागवत से मुलाकात ने बीजेपी के नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को और हवा दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आरएसएस और बीजेपी के बीच नए अध्यक्ष के चयन को लेकर समन्वय बढ़ा है। शिवराज का अनुभव, जनता से जुड़ाव और संघ की विचारधारा के प्रति समर्पण उन्हें इस रेस में आगे रखता है। हालांकि, अंतिम फैसला आने वाले हफ्तों में होने वाली बैठकों के बाद ही स्पष्ट होगा।