Aug 25, 2025
टिकटॉक की वापसी से पहले भोपाल में युवाओं की सेहत को लेकर चौंकाने वाला खुलासा
भारत में टिकटॉक के बैन या वापसी की चर्चा के बीच भोपाल से युवाओं की सेहत को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। जेपी अस्पताल में माइग्रेन, डिप्रेशन और अनिद्रा के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। सोशल मीडिया पर घंटों बिताने की आदत युवाओं को गंभीर बीमारियों की ओर ले जा रही है। डॉक्टरों ने युवाओं को स्क्रीन टाइम कम करने और सेहत के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है।
सोशल मीडिया की लत का खतरा
आज के दौर में युवा सोशल मीडिया, खासकर रील्स देखने में घंटों खर्च कर रहे हैं। भोपाल के जेपी अस्पताल में ऐसे युवाओं की संख्या बढ़ रही है, जो रील्स देखने की लत के कारण आंखों की जलन, माइग्रेन, डिप्रेशन और अनिद्रा जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। जर्नल ऑफ आई मूवमेंट की एक स्टडी के अनुसार, 60% लोग आंखों की समस्याओं से और 83% लोग माइग्रेन व डिप्रेशन से प्रभावित हैं। यह स्थिति युवाओं के लिए चिंताजनक है।
नींद और सेहत पर असर
लगातार मोबाइल स्क्रॉलिंग के कारण युवा अपनी नींद, भूख और प्यास तक को नजरअंदाज कर रहे हैं। इससे अनिद्रा, मानसिक तनाव और स्लिपिंग पैटर्न में गड़बड़ी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। अस्पताल में रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां युवा आंखों में जलन और मानसिक थकान की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया की लत न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रही है।
डॉक्टरों की सलाह
जेपी अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोने से 40 मिनट पहले मोबाइल का उपयोग बंद कर देना चाहिए। ब्लू-लाइट फिल्टर का उपयोग, स्क्रीन टाइम कम करना और खुली हवा में समय बिताना मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। डॉक्टरों का कहना है कि इन छोटे बदलावों से आंखों की समस्याएं, तनाव और अनिद्रा जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
युवाओं के लिए चेतावनी
यह खुलासा युवाओं के लिए एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग उनकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि युवा अपनी दिनचर्या में संतुलन बनाएं और सोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करें। भोपाल में बढ़ते मामले इस बात का संकेत हैं कि समय रहते सावधानी बरतना जरूरी है।