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अडवाणी की आत्मकथा "मेरा देश मेरा जीवन" रद्दी में फेंकी

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Sep 18, 2016

रायपुर। पूर्व उपप्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की आत्मकथा “मेरा देश, मेरा जीवन” की 500 कॉपियों को कूड़ेदान में डाले जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री रमन सिंह ने मामले में जांच कराने की बात कही है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह बीजेपी की हमेशा से ही फितरत रही है। वो अपने बुजुर्ग नेताओं को इसी तरह भूला देते हैं।

अजीत जोगी ने इस मामले को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि बीजेपी ने जिस नेता के बल पर देश और प्रदेश में अपना बजूद खड़ा किया। आज उसी शख्सियत को सत्ता मिलने के बाद भूल गए। उसे कूड़े में डाल दिया।

पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने भी बीजेपी से सवाल किया है कि बायोग्राफी में आडवाणी ने खुद की संघर्ष की कहानी लिखी है, अगर सम्मान नहीं दे सकते तो फिर आत्मकथा मंगाई क्यों ? उन्होंने कहा कि बायोग्राफी को कूड़े में फेंका जाना, बीजेपी की फितरत को बताता है, दरअसल ये पार्टी मौका परस्त है।

'मेरा देश मेरा जीवन' की करीब 500 कॉपियों को अफसरों ने रद्दी बताकर कलेक्टोरेट कैंपस में रद्दियों में फिंकवा दिया था। आरोप का खंडन करते हुए अफसरों का कहना है कि असल में कॉपी रद्दी में नहीं फेंकी है। कमरे की साफ सफाई कमरे के बाहर रखा गया था।