Oct 7, 2025
जेवरा में शताब्दी उत्सव: संघ स्वयंसेवकों का देशभक्ति भरा पथ संचलन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष में भिलाई के जेवरा मंडल में देशभक्ति का जोश चरम पर रहा। नौ गांवों के स्वयंसेवकों ने अनुशासित पथ संचलन के साथ राष्ट्रप्रेम का संदेश फैलाया। साजर राउत देवालय से शुरू हुआ यह मार्च 'भारत माता की जय' के नारों से गूंजा, जिसने जनमानस को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अनुशासित संचलन: राष्ट्रप्रेम का जीवंत प्रदर्शन
जेवरा मंडल के नौ गांव—जेवरा, सिरसा, भटगांव, कुटेलाभाठा, खपरी, चिखली, समोदा और कचांदुर—के स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में तीन किलोमीटर लंबा पथ संचलन किया। साजर राउत देवालय से शुरू होकर गलियों-चौकों से गुजरते हुए यह मार्च देशभक्ति गीतों और नारों से जीवंत रहा। ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा, रंगोलियों और तोरणद्वारों से स्वागत किया, जो एकता और अनुशासन का प्रतीक बना।
प्रेरक संदेश: त्याग और तपस्या की गाथा
मुख्य वक्ता दिलेश्वर उमरे ने संघ की 100 वर्षीय यात्रा को त्याग और तपस्या का प्रतीक बताया। उन्होंने छह सरसंघचालकों—हेडगेवार, गुरुजी, देवरस, रज्जू भैया, सुदर्शन और भागवत—के योगदान को रेखांकित किया। यह यात्रा संगठन शक्ति और समरसता का उत्सव है। मुख्य अतिथि एस.पी. सार्वे ने संघ को एकता का दीपक बताया।
ऐतिहासिक आयोजन: सामूहिक संकल्प
दुर्ग विकासखंड संघ संचालक सुनील कुंभकार की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में निकश साहू, दुलेश्वर वर्मा और लोकेंद्र बंछोर सहित सैकड़ों स्वयंसेवक शामिल हुए। राष्ट्रगान के साथ समापन ने शताब्दी वर्ष में नए संकल्प का आह्वान किया।