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करवा चौथ 2025: मध्य प्रदेश के इन शहरों में चांद की झलक कब मिलेगी, सुहागिनों के लिए खास टाइमिंग

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Oct 7, 2025

करवा चौथ 2025: मध्य प्रदेश के इन शहरों में चांद की झलक कब मिलेगी, सुहागिनों के लिए खास टाइमिंग

करवा चौथ का त्योहार हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत पवित्र और भावुक होता है। 10 अक्टूबर 2025 को कार्तिक कृष्ण चतुर्थी पर यह व्रत मनाया जाएगा, जब सुहागिनें अपने पतियों की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। व्रत चंद्रोदय के बाद ही तोड़ा जाता है, इसलिए चांद का समय जानना जरूरी है। मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में चंद्रोदय का अनुमानित समय अलग-अलग है। इस खबर में हम विस्तार से बताएंगे कि इन शहरों में चांद कब नजर आएगा, साथ ही पूजा मुहूर्त और रीति-रिवाजों की जानकारी भी देंगे।

करवा चौथ का धार्मिक महत्व और व्रत की परंपरा

हिंदू धर्म में करवा चौथ को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक बिना पानी या भोजन के व्रत रखती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इसी प्रकार का व्रत किया था, जिससे पति-पत्नी का बंधन और मजबूत होता है। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यह त्योहार पारंपरिक परिधानों, मेहंदी और पूजा के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। महिलाएं एक-दूसरे को करवा (मिट्टी का छोटा घड़ा) भेंट करती हैं और कथा सुनकर आशीर्वाद लेती हैं। यह व्रत न केवल पति की लंबी उम्र के लिए बल्कि पारिवारिक समृद्धि और संतान सुख के लिए भी रखा जाता है। आधुनिक समय में भी यह परंपरा जीवंत है, जहां महिलाएं सोशल मीडिया पर अपनी सज-धज साझा करती हैं।

मध्य प्रदेश के शहरों में चंद्रोदय का समय

वैदिक पंचांग के आधार पर 10 अक्टूबर 2025 को चंद्रोदय का सामान्य समय रात 8:13 बजे के आसपास है, लेकिन स्थानीय भौगोलिक स्थिति के कारण शहरों में थोड़ा अंतर होता है। भोपाल में चांद रात 8:26 बजे दिखाई दे सकता है, जो राजधानी की ऊंचाई और मौसम पर निर्भर करेगा। इंदौर में यह समय रात 8:33 बजे का अनुमान है, जहां नर्मदा नदी के किनारे महिलाएं अर्घ्य देने की तैयारी करेंगी। वहीं, ग्वालियर में चंद्रोदय थोड़ा पहले रात 7:54 बजे हो सकता है, जो ऐतिहासिक किले के आसपास उत्सव को और रोमांचक बनाएगा। ध्यान दें, बादल या प्रदूषण के कारण समय में बदलाव संभव है, इसलिए स्थानीय मौसम ऐप चेक करें। ये समय ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित हैं, जो सुहागिनों को व्रत तोड़ने में मदद करेंगे।

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 5:57 बजे से 7:07 बजे तक है, जिसकी कुल अवधि 1 घंटा 10 मिनट है। इस दौरान महिलाएं करवा माता की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें, दीप जलाएं और चंद्रमा को अर्घ्य दें। विधि में सबसे पहले सूर्य को जल अर्घ्य देकर व्रत प्रारंभ करें, फिर शाम को कथा पाठ करें। छलनी से चांद देखकर पति के पैर छूकर व्रत तोड़ें। मध्य प्रदेश में यह पूजा सामूहिक रूप से बाजारों या मंदिरों में होती है, जहां भजन-कीर्तन का आयोजन रहता है। ज्योतिषियों का कहना है कि इस मुहूर्त में पूजा करने से व्रत का फल दोगुना मिलता है। यदि चांद देर से निकले, तो दूध या फल से प्रतीकात्मक अर्घ्य दें।

तैयारी टिप्स और सावधानियां

करवा चौथ की तैयारी में महिलाएं सोलह श्रृंगार करें और लाल-पीले परिधान पहनें। व्रत के दौरान हल्के फलाहार से बचें, लेकिन निर्जला रहें। मध्य प्रदेश के इन शहरों में बाजारों में करवा, सजावटी सामग्री और मिठाइयां उपलब्ध होंगी। स्वास्थ्य के लिहाज से डायबिटीज या कमजोर महिलाएं चिकित्सक से सलाह लें। त्योहार का आनंद लेते हुए पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दें, जैसे प्लास्टिक-मुक्त पूजा। यह दिन प्यार और विश्वास का प्रतीक है, जो दंपत्तियों के रिश्ते को मजबूत बनाता है।

 

Report By:
Monika