Jul 21, 2025
मध्य प्रदेश में सिया विवाद: CM डॉ. मोहन करेंगे उच्च स्तरीय समीक्षा
मध्य प्रदेश में स्टेट एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) विवाद ने तूल पकड़ लिया है। सिया चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान और पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी के बीच टकराव के बाद मामला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गया है। 450 प्रकरणों में कथित अनियमित पर्यावरणीय मंजूरी का आरोप है। मुख्यमंत्री कल इस मामले की उच्च स्तरीय समीक्षा कर सकते हैं। सिया चेयरमैन ने प्रमुख सचिव के खिलाफ एफआईआर की सिफारिश की है।
सिया विवाद का कारण
मध्य प्रदेश स्टेट एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) और पर्यावरण विभाग के बीच विवाद 450 प्रकरणों में पर्यावरणीय मंजूरी से जुड़ा है। सिया चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान का आरोप है कि पर्यावरण विभाग ने बिना सिया की सहमति के 23 मई को खनिज, उद्योग और बड़े निर्माण प्रोजेक्ट्स के लिए डीम्ड मंजूरी जारी की। चेयरमैन का दावा है कि विभाग को ऐसी मंजूरी देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और एप्को डायरेक्टर पर 237 प्रकरणों में गैरकानूनी तरीके से मंजूरी देने का आरोप लगाया।
चेयरमैन के गंभीर आरोप
सिया चेयरमैन ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया कि पर्यावरण मंजूरी के लिए 45 दिन में बैठक अनिवार्य है, लेकिन 70 दिन बीतने के बावजूद कोई बैठक नहीं हुई। उन्होंने 200 खनिज प्रकरणों सहित 450 केस में सिया की अनदेखी का दावा किया। चेयरमैन ने यह भी आरोप लगाया कि उनके दफ्तर को सोमवार सुबह सील कर दिया गया, जिसे भ्रष्टाचार उजागर करने की सजा बताया। दोपहर में आपत्ति के बाद दफ्तर खोला गया।
प्रमुख सचिव का जवाब
प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी ने दफ्तर सील करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिजली फाल्ट के कारण कक्ष बंद किया गया था। इस विवाद ने पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।