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जहरीले कफ सिरप की साजिश: 20 मासूमों की हत्या के बाद मालिक की चेन्नई से सनसनीखेज गिरफ्तारी!

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Oct 9, 2025

जहरीले कफ सिरप की साजिश: 20 मासूमों की हत्या के बाद मालिक की चेन्नई से सनसनीखेज गिरफ्तारी!

मध्य प्रदेश के हृदयभूमि छिंदवाड़ा में एक जहरीली कफ सिरप ने मासूम बच्चों की जिंदगियां छीन लीं, लेकिन अब न्याय की पहली किरण दिखी है। कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को चेन्नई से धर दबोचा गया है। यह सिरप, जो सर्दी-खांसी के नाम पर मौत का जहर बन गया, ने 20 बच्चों को काल के गाल में भेज दिया। पुलिस की सात सदस्यीय टीम ने रात के अंधेरे में आरोपी को उसके आश्रम नगर स्थित अपार्टमेंट से खींच निकाला। 20 हजार रुपये के इनाम घोषित इस फरार अपराधी की गिरफ्तारी से सनसनी मच गई है। क्या यह गिरफ्तारी उन रहस्यों का पर्दाफाश करेगी, जो लापरवाही से आगे की त्रासदी रोक सकती है? आइए, इस दर्दनाक घटना की परतें खोलें।

मौत का सिलसिला: आंकड़ों की क्रूर सच्चाई

यह सिरप मौत का पर्याय बन चुका है। छिंदवाड़ा जिले में 17, बैतूल में 2 और पांढुर्णा में 1 बच्चे इसकी चपेट में आ चुके हैं। सभी की उम्र चार साल से कम थी। लक्षण शुरू में मामूली लगे—खांसी, उल्टी, फिर अचानक किडनी फेलियर। बीते 24 घंटों में तीन और मासूम सांसें थम गईं। नागपुर के अस्पतालों में पांच बच्चे अभी भी वेंटिलेटर पर जिंदगी से जूझ रहे हैं। माता-पिता की चीखें गूंज रही हैं: "हमने तो दवा दी थी, मौत थोड़े ना!" जांच में सिरस्प में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल नामक जहरीला केमिकल पाया गया, जो सस्ता सॉल्वेंट है लेकिन बच्चों के लिए घातक। यह वही जहर है, जो 2022 के उत्तराखंड कफ सिरप कांड में 70 बच्चों की जान ले चुका था। क्या इतिहास खुद को दोहरा रहा है?

गिरफ्तारी का ड्रामा: फरार अपराधी का अंत

रंगनाथन, 75 वर्षीय मेडिकल कॉलेज ग्रेजुएट और 40 साल पुराने फार्मा उद्योगपति, फरार था। उनकी कंपनी स्रेसान फार्मास्यूटिकल्स, कांचीपुरम में बसी, बिना GMP सर्टिफिकेशन के दवाएं बेच रही थी। पुलिस ने चेन्नई और कांचीपुरम में दो टीम भेजीं। आधी रात 12:30 बजे, आशोक नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में दबिश दी। रंगनाथन को हथकड़ी पहनाते ही पूछा गया, "क्यों मिलाया जहर?" अब उन्हें चेन्नई कोर्ट में पेश किया जाएगा, फिर ट्रांजिट रिमांड लेकर छिंदवाड़ा लाया जाएगा। एसआईटी पूछताछ में कई राज खुलने की उम्मीद है—क्या जानबूझकर मिलाया गया जहर? या लापरवाही की चरम सीमा?

सरकारी एक्शन: दोषियों पर शिकंजा

मध्य प्रदेश सरकार ने तुरंत कदम उठाए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, दो ड्रग इंस्पेक्टरों को सस्पेंड किया, डिप्टी डायरेक्टर को हटाया और ड्रग कंट्रोलर को ट्रांसफर कर दिया। कोल्ड्रिफ पर पूर्ण बैन, दुकानों से स्टॉक जब्त। डॉक्टर प्रवीण सोनी, जिन्होंने सिरप लिखा, को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आईएमए के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन फैक्ट्स साफ हैं। अन्य राज्य जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश, केरल ने भी सिरप बैन कर जांच शुरू की। सीएमओ ने परिवारों को 5 लाख मुआवजा घोषित किया, लेकिन क्या यह खोई हंसी लौटा सकता है?

भविष्य की चेतावनी: सतर्कता ही सुरक्षा

यह घटना दवा उद्योग की काली सच्चाई उजागर करती है। सस्ते मुनाफे के चक्कर में मासूमों का शिकार? अभिभावक सतर्क रहें—किसी भी दवा को बिना जांच न दें। सरकार को सख्त लाइसेंसिंग और रेगुलर चेक जरूरी। रंगनाथन की पूछताछ से अगर बड़ा नेटवर्क फंसता है, तो यह देशव्यापी साफ-सफाई ला सकता है। लेकिन आज, उन 20 घरों में सन्नाटा है, जहां हंसी के बदले आंसू हैं। न्याय मिलेगा, लेकिन जिंदगियां नहीं। 

Report By:
Monika