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अंग्रेजी के 'यस' और 'नो' की परंपरा समाप्त, अब हां और ना चलेगी लोकसभा में

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Jul 19, 2019

लोकसभा की कार्यवाही में पहली दफा हिंदी का इस्तेमाल पूरी तरह शुरू हुआ है यानी बिल पास करने के दौरान पहले य़स और नो का इस्तेमाल किया जाता था। ओम बिरला ने इसको हां और ना के शब्दों में बदल दिया। यानी लोकसभा की कार्यवाही के दौरान अंग्रेजी के 'यस' और 'नो' की परंपरा पहली बार समाप्त की गई। अब बोला जाता है 'हां' के पक्ष में इतने वोट पड़े और 'ना' के पक्ष में इतने, 'हां' की जीत हुई। 17वीं लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला की नई पहल से शून्यकाल के दौरान 162 सांसदों को बोलने का अवसर मिला। लोकसभा में पहली दफा चुनकर आए सांसदों को भी सवाल पूछने का मौका मिल रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष ने की नई परंपरा की शुरूआत

गुरुवार शाम को चले शून्यकाल में 4 घंटे 48 मिनट में 162 सदस्यों को बोलने का अवसर दिया गया। गुरुवार सुबह लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान अंतिम प्रश्न लिया गया है। प्रायः प्रश्नकाल में अंतिम सवाल तक चर्चा नहीं हो पाती थी। संसद के पटल पर सूचीबद्ध 20 प्रश्नों के बाद भी मंत्री ने एक और सवाल का जवाब दिया। इस दौरान अंतिम सवाल लेते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मंत्री आगे से इसके लिए तैयार रहें। बता दें कि नवनियुक्त लोकसभा अध्यक्ष बन ओम बिरला ने लोकसभा चलाने के कई तौर तरीकों में परिवर्तन करके विधायी कामकाज निपटाने का एक रिकॉर्ड भी बनाया है।