Oct 12, 2025
छत्तीसगढ़ में किसानों की खुशी दोगुनी: सीएम विष्णु देव साय की कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में धान खरीदी का धमाकेदार प्लान, एक दाना भी नहीं बचेगा बर्बाद!
छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों, क्या आप तैयार हैं एक ऐसी खबर के लिए जो आपके खेतों की फसल को सोने की तरह चमका दे? जी हां, आज रविवार, 12 अक्टूबर 2025 को रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की ये अहम बैठक शुरू हो चुकी है। सुशासन, पारदर्शिता और जनहित योजनाओं पर जोरदार मंथन के बीच धान खरीदी का बड़ा सरप्राइज पैकेज खुला है! सरकार का वादा है – किसानों का एक-एक दाना धान खरीदा जाएगा। ये बैठक न सिर्फ एजेंडा सेट कर रही है, बल्कि किसानों के चेहरों पर मुस्कान की फसल लहरा रही है। आइए, इस रोमांचक कॉन्फ्रेंस की लहरों में गोते लगाएं!
बैठक का धमाकेदार आगाज: सुशासन से शुरू, किसानों पर फोकस
कल्पना कीजिए, रायपुर की हवा में विकास का जादू घुला हुआ, और कलेक्टरों की टीम सीएम के सामने लाइन में! बैठक ठीक समय से पहले शुरू हो गई, जो खुद में एक मिसाल है। खाद्य विभाग की समीक्षा से एजेंडा चला, लेकिन असली हाईलाइट बनी धान खरीदी। सीएम विष्णु देव साय ने साफ शब्दों में कहा, "हमारा लक्ष्य है कि कोई किसान परेशान न रहे।" ये कॉन्फ्रेंस सिर्फ मीटिंग नहीं, बल्कि एक रणनीतिक युद्धकौशल सेशन है, जहां हर जिले के कलेक्टर अपनी रिपोर्ट कार्ड लेकर हाजिर हुए। दूरस्थ इलाकों की चुनौतियां हो या नेटवर्क की जद्दोजहद – सब पर नजर। और हां, ये सब जनहित योजनाओं को सुपरचार्ज करने के लिए, जैसे कोई सुपरहीरो मिशन!
धान खरीदी का सुपर प्लान: 3100 रुपये प्रति क्विंटल, 15 नवंबर से धमाल
अब आता है वो ट्विस्ट जो किसानों के दिलों में धमाल मचा देगा! सरकार ने धान खरीदी को 15 नवंबर 2025 से शुरू करने का ऐलान किया है, जो 31 जनवरी 2026 तक चलेगी। प्रति क्विंटल 3100 रुपये का आकर्षक दाम, और प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक खरीद – ये तो किसानों के लिए दिवाली का तोहफा है! कुल टारगेट 160 लाख मीट्रिक टन, जो रिकॉर्ड तोड़ने को बेताब है। सीएम ने जोर देकर कहा, "एक-एक दाना खरीदेंगे, कोई बर्बादी नहीं!" बायोमेट्रिक सिस्टम से ट्रांसपेरेंसी, टोकन सिस्टम से व्यवस्था, और 7 दिनों में डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर – सब कुछ डिजिटल जादू से। छोटे किसानों को 2 टोकन, बड़े को 3 – ये बैलेंस तो परफेक्ट है! 25 लाख से ज्यादा किसान फायदा उठाएंगे, और ई-केवाईसी 31 अक्टूबर तक जरूरी। ये प्लान न सिर्फ पैसे लाएगा, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भरता का पंख भी देगा।
पंजीयन में तेजी लाएं: शिविरों का जादू, कोई न छूटे
कलेक्टरों, सावधान! सीएम ने सख्त लहजे में निर्देश दिए – किसान पोर्टल पर शत-प्रतिशत पंजीयन समय पर पूरा करें। जहां प्रगति धीमी है, वहां आगे की वॉर रूम प्लानिंग बताएं। दूरस्थ अंचलों में नेटवर्क की समस्या? कोई बात नहीं, विशेष शिविर लगाकर पंजीयन करवाएं! AgriStack और इंटीग्रेटेड फार्मर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, ताकि कोई किसान स्कीम से वंचित न रहे। ये निर्देश जैसे कोई इलेक्ट्रिक शॉक – जिलों में हलचल मच गई। एक कलेक्टर ने सोचा होगा, "अब तो रात-दिन मेहनत करनी पड़ेगी!" लेकिन ये सब किसानों की भलाई के लिए, जो साल भर खेतों में पसीना बहाते हैं। पोर्टल पर नाम चेक करें, ई-केवाईसी अपडेट रखें – सरल स्टेप्स, बड़ा फायदा!