Dec 27, 2025
गांधी की विरासत पर हमला: कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में 'जी राम जी' कानून के खिलाफ जंग की रणनीति
नई दिल्ली, 27 दिसंबर: कांग्रेस पार्टी की शीर्ष नीति-निर्माता संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही है। इस बैठक में हाल ही में पारित 'विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम, 2025' के खिलाफ रणनीति पर गहन चर्चा होगी, जो 20 वर्ष पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह ले चुका है। पार्टी इस नए कानून को ग्रामीण गरीबों के हितों पर हमला मान रही है और इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान बता रही है।
बैठक में प्रमुख मुद्दे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, मनरेगा को समाप्त करने के सरकार के कदम को लेकर आक्रोशित कांग्रेस कुछ ठोस कार्यक्रमों की घोषणा कर सकती है। पार्टी का मानना है कि नए अधिनियम से गांधीजी का नाम हटाना उनके योगदान को कम करने की कोशिश है।
कांग्रेस नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा पर 'बुलडोजर' चला दिया है, जिससे करोड़ों ग्रामीण श्रमिकों, किसानों और भूमिहीनों के अधिकार छिने हैं। उन्होंने इसे 'काला कानून' करार देते हुए लड़ाई जारी रखने का संकल्प जताया। वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि यह अधिनियम गांवों और प्रदेशों के खिलाफ है तथा इसे वापस लेने के लिए देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा। मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इसे मनरेगा की 'योजनाबद्ध हत्या' बताया।
नए अधिनियम का विवाद
संसद ने 18 दिसंबर को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच 'विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025' पारित किया, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है। कांग्रेस इसे ग्रामीण रोजगार की गारंटी खत्म करने की साजिश मानती है और आने वाले दिनों में बड़े विरोध की तैयारी कर रही है।







