Nov 4, 2025
नक्सलियों का हथियार कारखाना धराशायी: DRG ने सुकमा के जंगल में फोड़ा बड़ा खेल, 17 राइफल समेत लावा-लोहे का जखीरा जब्त!
रोशन चौहान सुकमा : छत्तीसगढ़ के नक्सल-प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को एक करारा झटका लगाने वाली सफलता हाथ लगी है। 3 नवंबर 2025 को डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (DRG) की बहादुरी भरी टीम ने गोमगुड़ा के घने जंगलों में नक्सलियों की गुप्त ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का पर्दाफाश कर उसे नेस्तनाबूद कर दिया। इस कार्रवाई से नक्सल संगठन की कमर टूटने वाली है, क्योंकि यहां से 17 हथियार, निर्माण मशीनें और ढेर सारा सामान बरामद हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों के सशक्त निर्देशन में चल रहे एंटी-नक्सल अभियान ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई, जो नक्सलियों को सांस लेने न दे रहा। यह घटना न केवल सुरक्षा बलों की रणनीतिक जीत है, बल्कि क्षेत्रीय शांति की दिशा में बड़ा कदम भी।
कार्रवाई का रोमांचक विवरण
खुफिया सूचना पर DRG टीम ने गोमगुड़ा क्षेत्र में सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जंगल की गहराइयों में छिपी यह फैक्ट्री नक्सलियों का हथियारों का काला कारखाना साबित हुई, जहां वे सुरक्षाबलों पर हमले के लिए राइफलें और विस्फोटक बना रहे थे। प्रारंभिक जांच से पता चला कि यहां BGL रॉकेट लॉन्चर (1), BGL लॉन्चर (6), 12 बोर राइफल (6), सिंगल शॉट राइफल (3), देशी कट्टा (1) और BGL बैरल (3) जैसे घातक हथियार तैयार हो रहे थे। टीम ने फैक्ट्री को ध्वस्त करते हुए ग्राइंडर, वेल्डिंग शील्ड, हैंड ड्रिल, टेबल वाइस, बैरल पार्ट्स, बिजली के तार और लोहे के पाइप जैसे उपकरण जब्त किए। यह सफलता नक्सलियों के आपूर्ति चेन को चूर-चूर करने वाली है, जहां वे जंगलों की आड़ में हथियारों का स्टॉक पिला रहे थे।
रणनीति और प्रभाव
यह अभियान नई रणनीति का हिस्सा है, जो लगातार नक्सलियों पर दबाव बनाए हुए है। जिला पुलिस के अनुसार, इससे नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहा है और उनके हमलों की संभावना घट रही। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कार्रवाइयां न केवल हथियारों का सफाया करती हैं, बल्कि स्थानीय आदिवासियों में विश्वास भी जगाती हैं। भविष्य में ऐसे ऑपरेशन और तेज होंगे, ताकि बस्तर क्षेत्र शांति की ओर अग्रसर हो। यह जीत DRG के जवानों की निडरता का प्रतीक है।







