Nov 4, 2025
राजस्थान का 'मायरा किंग': मामाओं ने भांजों पर लुटाए 1.5 करोड़, सोना-चांदी का पहाड़!
राजस्थान की रंगीन संस्कृति में मायरा की रस्म हमेशा से ही भाई-बहन के प्यार का अनोखा प्रतीक रही है। बीकानेर जिले के नोखा में हाल ही में एक ऐसा शाही मायरा भरा गया, जिसने पूरे राज्य को तहेदम कर दिया। दो मामाओं ने अपनी बहन के दो भांजों की शादी में नोटों की गड्डियां, सोना-चांदी का पहाड़ लुटाकर सबको दंग कर दिया। कुल 1 करोड़ 56 लाख रुपये का यह दान न केवल धन की बरकत दिखाता है, बल्कि पारिवारिक बंधनों की अटूट मजबूती का भी प्रमाण है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरें और वीडियो इसकी गूंज को चारों ओर फैला रहे हैं, जहां हर कोई कह रहा है – 'भगवान ऐसे मामाओं की छाया सब पर बरसाए!'
मायरे की भव्यता और आश्चर्यजनक दान
1 नवंबर की शाम नोखा के गिरधारी और जगदीश गोदारा के बच्चों की शादी के दौरान यह ऐतिहासिक क्षण घटित हुआ। सीनियाला गांव के भंवर लेघा और जगदीश लेघा, जो जेपी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के संचालक हैं, ने मिलकर यह मायरा भरा। एक करोड़ 11 लाख रुपये नगद के अलावा सवा किलो चांदी (कीमत करीब 20 लाख) और 31 तोला सोना (25 लाख) देकर उन्होंने कुल मूल्य 1.5 करोड़ पार कर दिया। मेहमानों की आंखें नोटों की गड्डियों पर ठहर गईं, और RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल की मौजूदगी ने आयोजन को और भव्य बना दिया। यह पहला मायरा था इन मामाओं का, जो अपनी बड़ी बहन मीरा के बच्चों के लिए किया गया। स्थानीय परंपरा के अनुसार, मायरा भाई का बहन को उपहार है, लेकिन यहां तो यह राजसी ठाठ का प्रदर्शन बन गया। आसपास के गांवों तक खबर फैलते ही लोग दर्शन को उमड़ पड़े, और वीडियो लाखों व्यूज बटोर चुके हैं।
परंपरा का सम्मान और सामाजिक संदेश
यह मायरा महज दिखावा नहीं, बल्कि राजस्थानी संस्कृति की जीवंतता का प्रतीक है। मामाओं ने कहा, "यह परिवार का पहला अवसर था, इसलिए हमने दिल खोलकर दिया।" विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजन रिश्तों को मजबूत करते हैं और युवाओं को परंपराओं से जोड़ते हैं। हालांकि, आलोचक इसे दिखावे का नाम देते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसे प्रेम और सम्मान की मिसाल मान रहे हैं। बीकानेर के इस शाही मायरे ने साबित कर दिया कि राजस्थान में रिश्ते आज भी सोने जैसे चमकदार हैं। भविष्य में ऐसे उत्सव पर्यटन को भी बढ़ावा देंगे।








